साल 1991 के लोकसभा चुनाव में नई दिल्ली लोकसभा सीट पर पूरे देश की निगाहें टिकी थीं. यहां दो कद्दावर नेता आमने-सामने थे. एक तरफ बीजेपी के टिकट पर दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी यहां से चुनाव लड़ रहे थे, तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने उस दौर के सुपरस्टार राजेश खन्ना को उतारा था. राम मंदिर आंदोलन से देशभर में अपनी पहचान बना चुके आडवाणी के सामने राजेश खन्ना नौसिखिया नजर आ रहे थे और शुरुआत में मुकाबला एकतरफा माना जा रहा था, लेकिन नतीजे वाले दिन बाजी पलट गई