वीवीपैट की 100 प्रतिशत पर्चियों के मिलान किए जाने की मांग वाली याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा कि या तो बैलेट से वोट देने का अधिकार दिया जा सकता है या वीवीपैट में जो पर्ची है उसे मतदाताओं को दी जाए. मतदाता उसे एक बैलेट बॉक्स में डाल दे अभी जो वीवीपैट है उसका बॉक्स ट्रांसपेरेंट नहीं है. सिर्फ सात सेकेंड के लिए पर्ची वोटर को दिखाई देती है.
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प्रशांत भूषण ने दलील दी कि वीवीपैट पर्चियों की भी गिनती होनी चाहिए इसलिए बैलेट पेपर, वीवीपैट पर्चियों को मतदाता के हाथ में देकर बैलेट बॉक्स में डाले और वीवीपैट का डिजाइन बदला जाए. जैसा जर्मनी मे होता है. जस्टिस दीपांकर दत्ता ने प्रशांत भूषण से पूछा कि जर्मनी की जनसंख्या कितनी है? इस पर भूषण ने बताया कि 5 से 6 करोड़ और भारत में 50-60 करोड़ हैं.
चुनाव के नतीजे आने पर 12 दिन लगेंगे: चुनाव आयोग
जस्टिस खन्ना ने कहा कि यहां कुल रजिस्टर्ड मतदाताओं की संख्या 97 करोड़ है. हम सभी जानते हैं कि बैलेट पेपर के आने पर क्या हुआ था? हो सकता है कि आपको पता हो लेकिन हम भूले नहीं हैं. वैसे भी हमने आपके तीन समाधान सुन लिए हैं. हम इस पर अभी बहस नहीं करना चाहते हैं. वकील संजय हेगड़े ने मांग की कि ईवीएम पर पड़े वोटों का मिलान वीवीपीएटी पर्चियों से किया जाना चाहिए. जस्टिस खन्ना ने कहा कि क्या 60 करोड़ वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती होनी चाहिए? वकील गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि चुनाव आयोग का कहना है कि सभी वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती में 12 दिन लगेंगे.
बारकोड से वोट देने का सुझाव
एक वकील ने वोट देने के लिए बारकोड का सुझाव दिया है. जस्टिस खन्ना ने कहा कि अगर आप किसी दुकान पर जाते हैं तो वहां बारकोड होता है. बारकोड से गिनती में मदद नहीं मिलेगी जब तक कि हर उम्मीदवार या पार्टी को बारकोड न दिया जाए और यह भी एक बहुत बड़ी समस्या होगी. जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि सामान्यतः मानवीय हस्तक्षेप से समस्याएं उत्पन्न होती हैं समस्या तब पैदा होती है जब मानवीय हस्तक्षेप होता है या जब वे सॉफ्टवेयर या मशीन मे अनधिकृत परिवर्तन करते हैं. यदि आपके पास इसे रोकने के लिए कोई सुझाव है, तो आप हमें दे सकते हैं.
प्रशांत भूषण ने दलील दी कि बेहतर तरीका यह है कि वोटर को वीवीपैट की स्लीप दिया जाए वो देखने के बाद बैलेट बॉक्स मे डाले और फिर उसका ईवीएम से मिलान किया जाए. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग प्रति विधानसभा केवल 5 वीवीपैट मशीनों की गिनती कर रही हैं, जबकि ऐसी 200 मशीनें लगती हैं. यह केवल 5 प्रतिशत है. मतदाता को वीवीपैट पर्ची लेने और उसे मतपेटी में डालने की अनुमति दी जा सकती है.
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